ट्रेन में 1st Ac, 2nd Ac, 3rd Ac, Sleeper और General Coach में अंतर।

भारतीय रेलवे भारत की जीवन रेखा है और आपने भी अपने जीवन में रेल (Train) से सफर जरूर किया होंगा। ट्रेन में सफर करना आरामदायक और कम खर्चीला है। साथ ही ज़्यादातर लोगो की पहली पसंद भी है। लेकिन सफर के दौरान आपने देखा होंगा, अलग अलग डिब्बों पर अलग अलग नाम होते है। उनका अलग अलग किराया होता है। और ऐसे ही कई अंतर आपको एक ट्रेन के ही अलग अलग डिब्बों में देखने को मिल सकते है। तो आज हम यह जानने का प्रयास करेंगे की ट्रेन में 1st Ac, 2nd Ac, 3rd Ac, Sleeper और General Coach का क्या मतलब होता है।

ट्रेन अक्सर अलग-अलग कोच और अलग अलग टाइप्स की होती है। प्रत्येक ट्रैन को उसकी स्पीड, जाने वाली सवारी, स्टेशन, उसके कार्य आदि के आधार पर भी बांटा जाता है और प्रत्येक क्लास में इकोनॉमी या किराये के अनुसार सुविधाएं भी दी जाती है। तो हम जानेंगे की रेलवे को आखिर अलग अलग क्लास में, कोच को बाटने की जरूरत क्यों पड़ी है ? 1st AC, 2nd AC और 3rd AC क्लास में क्या अंतर होता है। द्वितीय श्रेणी और स्लीपर क्लास किस तरह से भिन्न है।

Types Of Indian Railway रेलगाड़ियों के प्रकार।

  • पैसेंजर ट्रैन – यह एक साधारण यात्री ट्रेन है जो रेलवे के सभी स्टेशन पर रूकती है वर्तमान में भारतीय रेलवे के सभी रेलवे जोन की कुल 3572 पैसेंजर ट्रेनें से अधिक चल रही हैं।
  • एक्सप्रेस ट्रैन – एक्सप्रेस ट्रैन लम्बी दुरी तय करने वालो के लिए होती है यह बड़े-बड़े शहरो से होकर गुजरती है, और लोकल ट्रैन की तुलना में अधिक तेजी से चलती है और पैसेंजर ट्रैन के मुकाबले कम स्टेशनो पर रूकती है।
  • सुपर फ़ास्ट ट्रैन – इसकी गति एक्सप्रेस ट्रैन से ज्यादा होती है और यह प्रमुख शहरो को जोड़ती है।
  • शताब्दी ट्रेनें – ये ट्रेनें मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अधिक तेज़ और महंगी होती हैं।
  • राजधानी ट्रेनें – ये ट्रेनें सबसे तेज़ और सबसे महंगी ट्रेनें हैं और आमतौर पर वातानुकूलित होती हैं।
  • कंटेनर ट्रेनें – ये ट्रेनें कंटेनरों में माल ले जाती है। यह लम्बी दूरी के लिए माल को पहुंचने का काम करती है।
  • फ्लैटकार ट्रेनें – भारी भरकम मशीनरी और उपकरणों को जिन्हे कंटेनरों में नहीं ले जाया जा सकता, उन्हें फ्लैटकार ट्रेनें में ले जाया जाता है।
  • टैंकर ट्रेन – जब कोई तरल पदार्थ या गैस को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाना हो तो ट्रैंकर ट्रेन का प्रयोग किया जाता है।
  • Luxury Trains – लग्जरी ट्रेन को आरामदायक सवारी के लिए इतिहास और विरासत के साथ जुड़ाव पैदा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनमें रेस्तरां और बार, आरामदायक सोने और बैठने की जगह और बाथरूम सब कुछ शामिल है।
  • मालगाड़ी – ये ट्रेनें माल ढोने के लिए होती हैं और आमतौर पर सीधी और साधारण होती हैं.

प्रसिद्ध ट्रेनों के नाम |

  • गतिमान एक्सप्रेस
  • राजधानी एक्सप्रेस
  • शताब्दी एक्सप्रेस
  • दुरन्त एक्सप्रेस
  • तेजस एक्सप्रेस
  • उदय एक्सप्रेस
  • जनशताब्दी एक्सप्रेस
  • गरीब रथ एक्सप्रेस
  • हमसफर एक्सप्रेस
  • संपर्क क्रांति एक्स्प्रेस
  • युवा एक्सप्रेस
  • कवि गुरु एक्सप्रेस
  • विवेक एक्सप्रेस
  • राज्य रानी एक्सप्रेस
  • महामना एक्सप्रेस
  • इंटरसिटी एक्सप्रेस
  • एसी एक्सप्रेस
  • डबल डेकर एक्सप्रेस
  • सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस
  • अन्त्योदय एक्सप्रेस और जन साधारण एक्सप्रेस
  • पैसेंजर
  • सबअर्बन रेल

1st ac coach facilities in hindi

भारतीय रेलवे में फर्स्ट एसी क्लास (1st ac coach) सभी क्लास से महंगी श्रेणी है। इस कोच में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होती है। इस कोच के प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 2 से 4 बर्थ हो सकती है। 2 बर्थ वाले को कूप और 4 बर्थ वाले को केबिन के नाम से जाना जाता है। इस कोच की सीटे सुविधायुक्त होती है।

इस कोच में अटेंडेट को बुलाने के लिए बटन दिया होता है इसके अलावा प्रत्येक कपाइंटमेंट में एक दरवाजा होता है। जिसे अंदर से बंद किया जा सकता है। खाने के लिए, पानी बॉटल रखने के लिए भी सुविधाएं होती है। प्रत्येक कम्पार्टमेंट में पर्दे लगे होते हैं और सीट बेहद सुविधाजनक होती हैं। यात्रियों को तकिया, चादर और कंबल दिया जाता है।

2nd ac coach facilities in hindi

भारतीय रेलवे का सेकेंड एसी कोच (2nd AC Coach) में first ऐसी कोच से थोड़ी कम सुविधा होती है। इसमें, साइड अपर और लोवर सीट होती हैं, मिडिल बर्थ नहीं होती है। सेकंड ऐसी कोच के प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 6 सीटें होती है। सेकंड एसी में खाने की सुविधा 3rd AC जैसे ही होता है। यहाँ भी यात्रियों को तकिया, चादर और कंबल दिया जाता है।

3rd ac coach facilities in hindi

थर्ड एसी कोच मीडिल क्लास भारतीयों की पहली पसंद है। यह बिल्कुल स्लीपर क्लास की तरह होते हैं, बस स्लीपर क्लास में ऐसी की सुविधा नहीं होती है और ये कोच वातानुकूलित यानि की ऐसी युक्त होते हैं। प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 8 सीटें होती हैं। लोवर बर्थ के बैकरेस्ट को ऊपर उठाकर मिडिल सीट बनाई जाती है। थर्ड एसी में सफर के दौरान तकिया, कंबल और चादर दिया जाता है। खाना सेकेंड एसी और थर्ड एसी में एक जैसा होता है। इसमें पर्दे नहीं होते हैं।

स्लीपर क्लास कोच (sleeper class coach)

इसका प्रयोग सामान्य रूप से सफर के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। क्योंकि इसमें एसी की सुविधा को छोड़ कर सभी सुविधाएं होती है। इसमें आप लेटकर, सो कर सफर कर सकते है एक स्लीपर सीट एक व्यक्ति के लिए बुक होती है। इसके लिए रिजर्वेशन कराने की जरूरत होती है।

सामान्य कोच (general coach)

भारतीय ट्रैन में यदि आपको सबसे कम कीमत में सफर करना है तो सबसे सस्ता कोच, सामान्य कोच होता है। इसके लिए आपको रिजर्वेशन करवाने की जरूरत नहीं होती है। इसमें सीटों की संख्या भी तय नहीं होती है। और सामान्यतः इस कोच में सबसे अधिक भीड़ होती है।

चेयर कार सीट (chair car coach)

कोई भी कोच में cc लिखा होता है रो वह चेयर कार सीट होता है। इसमें केवल बैठने वाले सीट ही बनाई जाती है। यात्री को इसमें सफर करने के लिए रिज़र्वेशन करवाना पड़ता हैं। यह सुविधा शताब्दी एक्सप्रेस जैसे ट्रेन में होती हैं।

एग्जीक्यूटिव क्लास कोच (executive class coach)

कोई भी ट्रेन के कोच में अगर EC लिखा हो तो वह एग्जीक्यूटिव क्लास कोच होता हैं। इसमें यात्रीयो के लिए केवल बैठने के लिए व्यवस्था होती है।

Difference Between 1st, 2nd and 3rd ac in hindi

श्रेणीसीटेंसुविधाएँकीमत
1ACबर्थएसी, कुर्सी, कंबल, तकिया, पर्दे, खाना, चाय-कॉफी, पानी, टीवी, रिजर्वेशन सबसे महंगी
2ACबर्थएसी, कुर्सी, खाना, चाय-कॉफी, पानी, चादर, तकिया, कम्बल, पर्दे, रिजर्वेशन महंगी
3ACबर्थएसी, खाना, चाय-कॉफी, पानी, चादर, तकिया, कम्बल, रिजर्वेशन मध्यम
sleeper classबर्थ स्लीपिंग सीट, रिजर्वेशन मध्यम
general coachबर्थकोई एसी नहीं, खाना नहीं, चाय-कॉफी नहीं, पानी नहीं, रिजर्वेशन सीट नहीं सबसे सस्ती

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपको आज की इस पोस्ट में 1st, 2nd and 3rd ac में अंतर और स्लीपर एवं जनरल कोच में अंतर समझ आ गया होंगा। इसके अलावा आपके कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेटंस कर सकते है।

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